
बिहार चुनाव से पहले एक दिलचस्प राजनीतिक ड्रामा सामने आया है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार नहीं चाहते कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिहार में चुनाव प्रचार करें।
कारण?
बताया जा रहा है कि नितीश को डर है — योगी की “मुस्लिम विरोधी छवि” बिहार के चुनावी माहौल को नुकसान पहुँचा सकती है।
“योगी का प्रभाव, नितीश की चिंता”
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बिहार में मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए नितीश नहीं चाहते कि भाजपा का कोई कड़ा हिंदुत्व चेहरा मंच पर दिखाई दे।
सूत्रों के मुताबिक, “नितीश कुमार चाहते हैं कि बिहार का प्रचार विकास और गठबंधन की मजबूती पर केंद्रित रहे, न कि धार्मिक ध्रुवीकरण पर।”
लेकिन सवाल उठता है — क्या BJP योगी को रोक पाएगी?
या फिर योगी बाबा अपनी खास शैली में “जय श्रीराम” के साथ बिहार के मंच पर फिर दिखेंगे?

BJP का द्वंद्व — रणनीति या सियासी सस्पेंस?
पार्टी के अंदर दो राय हैं — एक धड़ा मानता है कि योगी की उपस्थिति से भाजपा का कोर वोटर उत्साहित होगा, जबकि दूसरा गुट मानता है कि इससे गठबंधन की तालमेल गड़बड़ा सकती है।
कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में बीजेपी हाईकमान इस पर अंतिम फैसला ले सकता है।
यानी अभी “योगी इन बिहार या नॉट इन बिहार” का सस्पेंस जारी है!
“राजनीति में टाइमिंग सबकुछ है”
जहाँ नितीश चाहते हैं माहौल शांत रहे, वहीं बीजेपी चाहती है कि चुनाव में जोश बना रहे। अब देखना दिलचस्प होगा कि कौन किस पर भारी पड़ता है — नितीश की रणनीति या योगी की लोकप्रियता?
